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लालच,धोखा और अपराध

4.7
526

सावित्री ,सुबह की भाग दौड़ निपटा कर  अखबार के पन्ने  ही पलट रही थी। ये उसका रोज़ का ही रूटीन था। दो ही जने थे ,एक मिश्रा जी और दूसरा वो खुद सावित्री। सुरेश चंद्र मिश्रा यूनियन बैंक के आला अधिकारी ...

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लेखक के बारे में
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sangeeta singh

अरबों की आबादी में अपने अस्तित्व को तलाशती ,कहानियां लिखना,नई नई जानकारियां तलाशना।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    11 अगस्त 2021
    साइबर अपराधी लालच देते हैं या फिर डराते हैं, लोग इन्हीं दो कारणों से लोग ठगों के चंगुल में फँस जाते हैं, यह बात आपने बहुत अच्छे से सरल शब्दों में समझाई है। बढ़िया कहानी। इसी विषय पर मैंने भी एक कहानी लिखी है।
  • author
    10 फ़रवरी 2021
    बहुत सुन्दर सार्थक सृजन ऐसे घटनाएं अज्ञानता में बहुत हो चुकी है। इस प्रसंग पर रोचक कहानी लिखी आप, ज्ञान देती कहानी हृदय प्रफुल्लित हो गया उत्कृष्ट लेखन
  • author
    Usha Rana
    13 फ़रवरी 2021
    कभी भी बिना ‌सोचे समझे किसी को अपनीगोपननीय जानकारी नहीं देनी चाहिए
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    11 अगस्त 2021
    साइबर अपराधी लालच देते हैं या फिर डराते हैं, लोग इन्हीं दो कारणों से लोग ठगों के चंगुल में फँस जाते हैं, यह बात आपने बहुत अच्छे से सरल शब्दों में समझाई है। बढ़िया कहानी। इसी विषय पर मैंने भी एक कहानी लिखी है।
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    10 फ़रवरी 2021
    बहुत सुन्दर सार्थक सृजन ऐसे घटनाएं अज्ञानता में बहुत हो चुकी है। इस प्रसंग पर रोचक कहानी लिखी आप, ज्ञान देती कहानी हृदय प्रफुल्लित हो गया उत्कृष्ट लेखन
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    Usha Rana
    13 फ़रवरी 2021
    कभी भी बिना ‌सोचे समझे किसी को अपनीगोपननीय जानकारी नहीं देनी चाहिए