pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

लघु-शंका ...

4.4
101

दुःख-दर्द, घटनाएं, दुर्घटनाएं,  विपत्ति, लघुशंका, दीर्घशंका, मृत्यु, सभी बिन बुलाये मेहमान या बिना किसी अंदेशे के कब प्रकट हो जाते हैं पता ही नहीं चलता,  हाँ ख़ुशी, ऐशो-आराम, कर्म, या किस्मत किस बात ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

आत्मा प्रयासरत है ... आत्मिक मौन को शब्दों में पिरो कागज़ की कश्ती में कलम को पतवार बना जीवन के समुन्दर की गहराई में उतर जाने के लिए ...

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ashok Passy
    20 नवम्बर 2021
    some nice words used good ,way of writing ✍ for urine is commendable
  • author
    Pawan Pandey
    06 अप्रैल 2022
    Awsome
  • author
    parul chawla singh
    29 अगस्त 2021
    bahut khoob
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ashok Passy
    20 नवम्बर 2021
    some nice words used good ,way of writing ✍ for urine is commendable
  • author
    Pawan Pandey
    06 अप्रैल 2022
    Awsome
  • author
    parul chawla singh
    29 अगस्त 2021
    bahut khoob