सीमा अपने पति की आर्थिक सहायता करने के लिए नौकरी करती थी। जब वह थक कर घर आती तब उसका पति भी उसके घर के कामों में हाथ बंटाता था। यह सब उसकी सास को बिल्कुल न भाता, वह सीमा से कहती ,"पता नहीं मैंने ...
हंसाती है कविता रुलाती है कविता
कानों में चुपके से कुछ कहती है कविता
मन में उठ रही भावनाओं को कविता की माला में पिरो न मुझे अच्छा लगता है। यहां पर सारी रचनाएं मेरी स्वरचित हैं।
सारांश
हंसाती है कविता रुलाती है कविता
कानों में चुपके से कुछ कहती है कविता
मन में उठ रही भावनाओं को कविता की माला में पिरो न मुझे अच्छा लगता है। यहां पर सारी रचनाएं मेरी स्वरचित हैं।
रिपोर्ट की समस्या
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