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लागा चुनरी के दाग : 4

4.6
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डॉ. लक्ष्मी नारायण लाल यादों के झरोखे से न न, इनकी चुनरी में दाग नहीं। ये मेरी चुनरी में दाग ढूँढने आए थे. मैं मुंबई में नौकरी में थी, केंद्र सरकार के एक कार्यालय में राजपत्रित अधिकारी के पद पर। ...

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लेखक के बारे में
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मणिका मोहिनी

एम्.ए.- दिल्ली विश्वविद्यालय रचनाएं – प्रेम प्रहार – काव्य संकलन मेरा मरना – काव्य संकलन कटघरे में – काव्य संकलन ख़त्म होने के बाद – कहानी संग्रह अभी तलाश जारी है – कहानी संग्रह अपना –अपना सच – कहानी संग्रह अन्वेषी – कहानी संग्रह स्वप्न दंश – कहानी संग्रह ये कहानियां – कहानी संग्रह ढाई आखर प्रेम का – कहानी संग्रह जग का मुजरा – कहानी संग्रह पारो ने कहा था – उपन्यास प्रसंगवश – लेख संग्रह अगेय;एक मूल्याङ्कन – सम्पादन उसका बचपन – नाट्य रूपान्तरण तेरह कहानियां – सम्पादन 5 अन्य पुस्तकें प्रकाशनाधीन

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    ajay
    06 जून 2019
    👏👏👏👏3 कविताओं के लिए
  • author
    Humanshu Khokhar
    12 अगस्त 2018
    bahut BadiyA hai hmmmm
  • author
    25 दिसम्बर 2018
    बेहतरीन💐💐💐💐
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    ajay
    06 जून 2019
    👏👏👏👏3 कविताओं के लिए
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    Humanshu Khokhar
    12 अगस्त 2018
    bahut BadiyA hai hmmmm
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    25 दिसम्बर 2018
    बेहतरीन💐💐💐💐