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क्यों शिथिल पड़ जाती हैं?

4.7
49

घिसी पिटी शाम रोज आती हैं उसके पास तन्हा याद दिला जाती है कि कोई आकाश से छलांग लगाकर आयेगा तुम्हारे पास और तुम्हारे बक्ष में बैठ कर दाल दलेगा! वह अशांत होकर करवटें बदलता रहता कि ये शाम मेरे ...

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लेखक के बारे में
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Jiwan Sameer

लिखने का शौक। अपनी भावनाओं को शब्दों में उकेरने की कोशिश करता हूं..

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    29 दिसम्बर 2018
    सर, आपकी लेखनी ने बहुत अच्छा लिखा किन्तु आपने इस रचना के लिए ऐसी तस्वीर का चयन किया जो खटक रहा है। इसीलिए सिर्फ 2 स्टार दे सका। अज्ञानी समझ कर माफ कीजियेगा।
  • author
    29 दिसम्बर 2018
    आपकी रचना बहुत अच्छी है..., इसकी तस्वीर बदल दीजिए... !
  • author
    गणेश चंद्र शाह
    29 दिसम्बर 2018
    वाह
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    29 दिसम्बर 2018
    सर, आपकी लेखनी ने बहुत अच्छा लिखा किन्तु आपने इस रचना के लिए ऐसी तस्वीर का चयन किया जो खटक रहा है। इसीलिए सिर्फ 2 स्टार दे सका। अज्ञानी समझ कर माफ कीजियेगा।
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    29 दिसम्बर 2018
    आपकी रचना बहुत अच्छी है..., इसकी तस्वीर बदल दीजिए... !
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    गणेश चंद्र शाह
    29 दिसम्बर 2018
    वाह