कमिश्नर जयराज सिन्हा हड़बड़ी में किसी को कॉल लगाते हैं। उनकी आवाज़ इस बार और भी गंभीर और धीमी थी, जैसे वो किसी बड़ी बात का दबाव महसूस कर रहे हों। “विकास...! मेरी बात ध्यान से सुनो। मैं तुम्हारी ...
"अगर आपने मेरी कहानी पढ़ी और दिल कुछ देर ठहरा, तो एक बार Comment में ज़रूर बताइएगा — आपकी राय ही मेरी अगली कहानी की राह तय करती है।"
"Follow करें, Share करें — कहानियों को जीने का वक्त आ गया है।"
सारांश
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