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क्या आपको पता है.?"पापा"

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"पापा" क्या आपको पता है...      धीरे-धीरे मैं..अब आप जैसा बन रहा हूं..      मेरे बदलते स्वरूप में,आपको महसूस करता हूं। पापा...    अब मैं आप जैसा..सादा जीवन जीने लगा हूं..    सिर्फ,दो कमीजों के ...

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लेखक के बारे में
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Harjeet Singh

Harjeet singh mehra

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    30 अक्टूबर 2021
    बहुत सुंदर रचना👌👌👌👌👌 पिता की दी हुई सिख तब समझ में आती है, जब पुत्र स्वयं उनके साँचे में ढलता है, औऱ पिता का साया सर से उठ चुका होता है, 😢
  • author
    𝓛𝓪𝓿𝓲... 🖤
    30 अक्टूबर 2021
    whhhhhhh bahut khoob likha hai aapne 👌👌👌👌
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    30 अक्टूबर 2021
    बहुत सुंदर रचना👌👌👌👌👌 पिता की दी हुई सिख तब समझ में आती है, जब पुत्र स्वयं उनके साँचे में ढलता है, औऱ पिता का साया सर से उठ चुका होता है, 😢
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    𝓛𝓪𝓿𝓲... 🖤
    30 अक्टूबर 2021
    whhhhhhh bahut khoob likha hai aapne 👌👌👌👌