जब लोकतंत्र है तो राजनीति भी होगी कहीं सुनीति तो कहीं अनीति भी होगी जो देशहित को छोड़कर स्वहित साधे ऐसे लोगों के साथ "कूटनीती" भी होगी ...
जब लोकतंत्र है तो राजनीति भी होगी कहीं सुनीति तो कहीं अनीति भी होगी जो देशहित को छोड़कर स्वहित साधे ऐसे लोगों के साथ "कूटनीती" भी होगी ...