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कूटनीती

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जब लोकतंत्र है तो राजनीति भी होगी कहीं सुनीति तो कहीं  अनीति भी होगी जो देशहित को छोड़कर स्वहित साधे ऐसे लोगों के साथ "कूटनीती" भी होगी ...

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लेखक के बारे में
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श्री हरि

हरि का अंश, शंकर का सेवक हरिशंकर कहलाता हूँ अग्रसेन का वंशज हूँ और "गोयल" गोत्र लगाता हूँ कहने को अधिकारी हूँ पर कवियों सा मन रखता हूँ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैं दिल से करता हूँ ।। गंगाजल सा निर्मल मन , मैं मुक्त पवन सा बहता हूँ सीधी सच्ची बात मैं कहता , लाग लपेट ना करता हूँ सत्य सनातन परंपरा में आनंद का अनुभव करता हूँ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैंदिल से करता हूँ

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    jayshankar prasad
    30 जून 2020
    विचार बहुत सुंदर हैं श्रीमान जी । राजनीति एक ऐसा विकृत रुप धारण कर लिया हैं कि उसे इस मंच से अलग ही रखा जाना चाहिए ।
  • author
    Arun Tripathi "हरफनमौला"
    30 जून 2020
    बहुत बढ़िया लेकिन कूट नीति अच्छी होनी चाहिए,😁😁
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    jayshankar prasad
    30 जून 2020
    विचार बहुत सुंदर हैं श्रीमान जी । राजनीति एक ऐसा विकृत रुप धारण कर लिया हैं कि उसे इस मंच से अलग ही रखा जाना चाहिए ।
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    Arun Tripathi "हरफनमौला"
    30 जून 2020
    बहुत बढ़िया लेकिन कूट नीति अच्छी होनी चाहिए,😁😁