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कुनबी और कुनबिन

4.0
12415

एक था कुनबी और एक थी कुनबिन। एक दिन शाम को कुनबी खेत से लौटकर खटिया पर बैठ-बैठ थकान उतार रहा था। इसी बीच कुनबिन रसोईघर के अन्दर से बोली, ‘‘सुनते हो? मेरे मायके से मण्डन अहीर आया है। वह ख़बर लाया है ...

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अज्ञात
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Amit Mishra
    01 अप्रैल 2021
    मुझे इस कहानी में ये सबसे बढ़िया लगा कि उस लड़की ने अपने माता पिता के बारे में इतना सोचा इतना किया ।भगवान ऐसी बेटी सबको दे
  • author
    Hemlal Patel
    04 जून 2021
    बहुत ही अच्छी एवं शिक्षाप्रद कहानी
  • author
    Ashwini Manware
    17 सितम्बर 2020
    किसी का विश्वास नहीं तोड़ना
  • author
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  • author
    Amit Mishra
    01 अप्रैल 2021
    मुझे इस कहानी में ये सबसे बढ़िया लगा कि उस लड़की ने अपने माता पिता के बारे में इतना सोचा इतना किया ।भगवान ऐसी बेटी सबको दे
  • author
    Hemlal Patel
    04 जून 2021
    बहुत ही अच्छी एवं शिक्षाप्रद कहानी
  • author
    Ashwini Manware
    17 सितम्बर 2020
    किसी का विश्वास नहीं तोड़ना