कुदरत का बनाया हुआ एक अजीब-ओ-गरीब खिलौना हूं मिट्टी का भी भाव नहीं इस तन का पर खुद में खरा सोना हूं वासनाएं कामनाएं भावनाएं अभी भी जिंदा हैं मुझमें आदमी हूं अभी भी मशीनी अंदाज़ ...
संतुलित जीवन ही सुखी जीवन का आधार
जिसमें डाल प्रेम सेवा विनम्रता की अग्यार।
जियें तो सिर्फ अनासक्त अपेक्षा रहित जीवन
ताकि हर तरफ से आती रहे समता की बयार।।
सारांश
संतुलित जीवन ही सुखी जीवन का आधार
जिसमें डाल प्रेम सेवा विनम्रता की अग्यार।
जियें तो सिर्फ अनासक्त अपेक्षा रहित जीवन
ताकि हर तरफ से आती रहे समता की बयार।।
रिपोर्ट की समस्या
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