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कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी

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अलसाई सी सुबह सूरज की रोशनी रोशनदान से छनकर शिरीष के मुंह पर पङने लगी थी। शिरीष उनींदा सा उठा और अॉफिस जाने की तैयारी में लग गया । छ: महीने से शिरीष के मन की उमंग कहीं खो चुकी थी।रोज अॉफिस जाना ...

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लेखक के बारे में

नाम:अंकिता कुलश्रेष्ठ पिता जी:श्री कामता प्रसाद कुलश्रेष्ठ माता जी :श्रीमती नीरेश कुलश्रेष्ठ शिक्षा : परास्नातक ( जैव प्रौद्योगिकी ) बी टी सी निवास स्थान : आगरा उत्तरप्रदेश ********* प्रकाशित रचनाएं: •साझा सदोका व तांका संकलन 'कलरव' ' •साझा हाइकु संकलन 'साझा नभ का कोना' ' •कस्तूरी कंचन' ' •युवा उत्कर्ष काव्य संकलन ' •अधूरा मुक्तक समूह संकलन , • गीतिकालोक संकलन , •मुक्तकलोक संकलन •विहग प्रीति के संकलन • जय विजय पत्रिका •हस्ताक्षर वेब पत्रिका , •शिखर विजय , •दृष्टि पत्रिका , •खंड खंड जिंदगी •अभिव्यक्ति के स्वर •गीत मीत •दोहा दर्शन •कवियत्री संकलन •स्वर धारा संकलन •अथ से इति पिरामिड संकलन •हाइकु शताब्दी संकलन •गुफ़्तगू पत्रिका • पुष्प गंधा •लोकस •भावकलश •दोहा दर्शन इत्यादि विभिन्न अन्य पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित ******* सम्मान- ***** •आगमन संस्था द्वारा सर्वश्रेष्ठ युवा रचनाकार सम्मान •प्रतिष्ठित युवा उत्कर्ष मंच,दिल्ली से श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान •लेख्य मंजूषा संस्था, बिहार द्वारा काव्य श्रेष्ठ सम्मान •महिला दिवस पर "साहित्य गौरव" सम्मान •प्रतिष्ठित अधूरा मुक्तक समूह द्वारा अनेक बार सम्मानित •रॉयल उत्तराखंड परिवार द्वारा सम्मानित •मुक्तक लोक मंच द्वारा सम्मानित • साहित्य शारदा संस्था,खटीमा,उत्तराखंड, दोहा शिरोमणि •कामायनी संस्था, बिहार, मुक्तक शिरोमणि •अर्णव कलश ऐशोसिएसन द्वारा सम्मान •ताज रंगोत्सव में सम्मानित एवं अन्य•प्रज्ञा संस्थान ,फिरोजाबाद द्वारा सर्वश्रेष्ठ गीतों हेतु सृजनश्री सम्मान •साहित्य साधिका समिति,आगरा द्वारा लघुकथा हेतु सारस्वत सम्मान

समीक्षा
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  • author
    सीमा सिंह
    06 ਅਪ੍ਰੈਲ 2018
    संवेदनशील कहानी है। पर ऐसा लगता है आप जल्दबाज़ी में लिखती हो अपने कथानक को समय दीजिए। घटनाक्रम उसी तरह आने दीजिये कहानी में जैसे ज़िन्दगी में आते हैं। आपकी रचना में चार चाँद लग जाएंगे। आशा है आप मेरी टिप्पणी को अन्यथा नहीं लेंगी।
  • author
    PAWAN DUBEY PAWAN DUBEY
    28 ਅਕਤੂਬਰ 2017
    KITNA KUCH...THA TUMSE BOLNE KO..BUT TUM..MILE TO KUCH YAAD NA THA...JB YAAD KIYA TO TUM NA THE.. LIFE KUCH CHIJE SIKHATI HAI
  • author
    Dheeraj Chaudhary
    17 ਸਤੰਬਰ 2018
    काश ऐसा प्यार हर महिला को नसीब हो..। बारम्बार धन्यवाद लेखिका महोदय.. किसी भी प्रकार से महसूस नही हुआ कि कहानी पढ़ रहा हूँ.. पढ़ते पढ़ते मेरे अंदर का शिरीष जाग गया..। '
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    सीमा सिंह
    06 ਅਪ੍ਰੈਲ 2018
    संवेदनशील कहानी है। पर ऐसा लगता है आप जल्दबाज़ी में लिखती हो अपने कथानक को समय दीजिए। घटनाक्रम उसी तरह आने दीजिये कहानी में जैसे ज़िन्दगी में आते हैं। आपकी रचना में चार चाँद लग जाएंगे। आशा है आप मेरी टिप्पणी को अन्यथा नहीं लेंगी।
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    PAWAN DUBEY PAWAN DUBEY
    28 ਅਕਤੂਬਰ 2017
    KITNA KUCH...THA TUMSE BOLNE KO..BUT TUM..MILE TO KUCH YAAD NA THA...JB YAAD KIYA TO TUM NA THE.. LIFE KUCH CHIJE SIKHATI HAI
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    Dheeraj Chaudhary
    17 ਸਤੰਬਰ 2018
    काश ऐसा प्यार हर महिला को नसीब हो..। बारम्बार धन्यवाद लेखिका महोदय.. किसी भी प्रकार से महसूस नही हुआ कि कहानी पढ़ रहा हूँ.. पढ़ते पढ़ते मेरे अंदर का शिरीष जाग गया..। '