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कुछ बातें दिल की दिल से........

4.2
122

मैं करूँ ना करूँ हो जाती है बात उसकी कहीं भी चला जाऊँ यादें हैं साथ उसकी, वो हाँ, ना कहेगी इन्तज़ार में रुकना मेरे लिए मुश्किल है इससे अच्छा है मर जाऊँ और छोड़ दूँ क़ायनात उसकी। **** एक तस्वीर है आ ...

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तुम हो तो मैं हूँ ।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Aayushi Sinha
    02 सप्टेंबर 2018
    वाह मिश्रा जी क्या लिखा है
  • author
    Gumnam
    26 मे 2018
    wah yar bde bhai lajwab
  • author
    श्यामली प्रकाश
    26 मे 2018
    बेहतरीन वेद जी।
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    Aayushi Sinha
    02 सप्टेंबर 2018
    वाह मिश्रा जी क्या लिखा है
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    Gumnam
    26 मे 2018
    wah yar bde bhai lajwab
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    श्यामली प्रकाश
    26 मे 2018
    बेहतरीन वेद जी।