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क्षीर सागर

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शेषनाग पर क्षीर सागर की गहराइयों मे चैन की नींद लगाकर क्यो सो रहे हो प्रभु रचाओ फिर नया अवतार कोई पीतांबर और धरा को असुरो के आतंक से बचाओ प्रभु । ...

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लेखक के बारे में

भावजगत मे विचरण करना हमे मानसिक सूकून देता है और मन को ऊर्जा प्रदान करता है क्योकि सुख तो मन का बिषय है। जन्म से मुझको मिली है,जो विरासत मे निशानी, वह निशानी महका रही हूँ ,रीति एक निभा रही हूँ। गीत एक सजा रही हूँ,...... जब मिली पीडा मुझे तो,गीत प्रस्फुटित शब्द निकले, जान पायी कौन अपना,और लगे मन को पराया। लेखनी जब हाथ मेरे,मै किसी से क्यो डरूगीं आज मै अपने लिये ही,भाव के मोती लिखूँगी। शौकिया लिखती नही हूँ,गीत है जीवन हमारा, गीत है गत का कथानक,गीत है,भक्तिव्य हमारा। रीति एक निभा रही हूँ,गीत एक सजा रही हूँ......🌹🌹🙏

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anita Yadav
    07 अप्रैल 2021
    सही कहा आपने दीदू अब सिर्फ भगवान ही बचा सकते हैं हमें बहुत ही सुंदर प्रार्थना भगवान जरूर सुनेगें
  • author
    Madhu Rattan
    07 अप्रैल 2021
    बहुत सुंदर लिखा सखी जी इस दुनिया को अंधकार रूपी कोविड जैसी महामारी से बचाने आना ही होगा प्रभु को💐💐
  • author
    Shilpa Modi "🌹सत्या🌹"
    07 अप्रैल 2021
    बहुत सुंदर प्रस्तुति सखी..अब तो प्रभु को आना ही होगा..। असुरो के नाश करने..।💐💐🌹🌹❤️
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    Anita Yadav
    07 अप्रैल 2021
    सही कहा आपने दीदू अब सिर्फ भगवान ही बचा सकते हैं हमें बहुत ही सुंदर प्रार्थना भगवान जरूर सुनेगें
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    Madhu Rattan
    07 अप्रैल 2021
    बहुत सुंदर लिखा सखी जी इस दुनिया को अंधकार रूपी कोविड जैसी महामारी से बचाने आना ही होगा प्रभु को💐💐
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    Shilpa Modi "🌹सत्या🌹"
    07 अप्रैल 2021
    बहुत सुंदर प्रस्तुति सखी..अब तो प्रभु को आना ही होगा..। असुरो के नाश करने..।💐💐🌹🌹❤️