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क्रूर समय

4.6
735

इतने कठिन समय में जब बिटिया बुखार से तपती है इलाज के लिए सिर्फ पानी में भीगी पट्टी और ऊटपटांग दुआएं हों कविता लिखने के लिए हों सिर्फ ठंडे आदिम शब्द तब मौत और चमत्कार में से कुछ भी घट सकता ...

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समीक्षा
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    Reetessh Sabrr
    20 मई 2019
    द्वितीय पुरस्कार मिला है क्रूर समय को, यह इस बात का परिचायक है कि कोने में धकियाई बिल्ली ने एक बार झपटने का पराक्रम तो दिखाया ही. कविता निःसंदेह, दर्पण दिखाती है कि भले ही कितना भी क्रूर हो समय और जीवन, अपने अस्तित्व की उपस्थिति को दर्ज कराने से चूकना नहीं चाहिए हर मनुष्य को. भीगी बिल्ली की उपमा का सुंदर प्रयोग. कविवर को बधाइयाँ व प्रशस्ति के साथ नमन!
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    03 अक्टूबर 2019
    कविता की सुंदरता जो कि मनुष्य की भावनाओं पर आधारित होती है। हमारा उद्देश्य चाह कविता हो या लेखन उसमें उस कविता को या लेखन को अथवा कहानी को प्रकृति के उन रंगों से सजाना है । जिसमें प्रकृति के सभी रंग समाहित हो जाते हैं असल में साहित्य का असल उद्देश्य भी यही है कि हम उन समस्याओं की परतों खोलने का प्रयास करते हैं जिसमें हमारे समाज में न जाने कितनी बुराइयां फैली हुई है । असल में कविता हो या लेखन उन परतो को खोलना ही साहित्य का उद्देश्य होता है । जिस प्रकार से प्रतिलिपि डॉट कॉम द्वारा कविता को द्वितीय स्थान दिया गया है । बेहद ही सराहनीय फैसला है । धन्यवाद
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    02 जून 2019
    कविता अस्पष्ट होते हुए अंत में स्पष्ट हो जाती है। कवि की समग्र दृष्टि एकांगी भी हो रही है लेकिन कविता अंत में अपने समय का दर्शन करती है।
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    Reetessh Sabrr
    20 मई 2019
    द्वितीय पुरस्कार मिला है क्रूर समय को, यह इस बात का परिचायक है कि कोने में धकियाई बिल्ली ने एक बार झपटने का पराक्रम तो दिखाया ही. कविता निःसंदेह, दर्पण दिखाती है कि भले ही कितना भी क्रूर हो समय और जीवन, अपने अस्तित्व की उपस्थिति को दर्ज कराने से चूकना नहीं चाहिए हर मनुष्य को. भीगी बिल्ली की उपमा का सुंदर प्रयोग. कविवर को बधाइयाँ व प्रशस्ति के साथ नमन!
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    03 अक्टूबर 2019
    कविता की सुंदरता जो कि मनुष्य की भावनाओं पर आधारित होती है। हमारा उद्देश्य चाह कविता हो या लेखन उसमें उस कविता को या लेखन को अथवा कहानी को प्रकृति के उन रंगों से सजाना है । जिसमें प्रकृति के सभी रंग समाहित हो जाते हैं असल में साहित्य का असल उद्देश्य भी यही है कि हम उन समस्याओं की परतों खोलने का प्रयास करते हैं जिसमें हमारे समाज में न जाने कितनी बुराइयां फैली हुई है । असल में कविता हो या लेखन उन परतो को खोलना ही साहित्य का उद्देश्य होता है । जिस प्रकार से प्रतिलिपि डॉट कॉम द्वारा कविता को द्वितीय स्थान दिया गया है । बेहद ही सराहनीय फैसला है । धन्यवाद
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    02 जून 2019
    कविता अस्पष्ट होते हुए अंत में स्पष्ट हो जाती है। कवि की समग्र दृष्टि एकांगी भी हो रही है लेकिन कविता अंत में अपने समय का दर्शन करती है।