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कृतज्ञता ज्ञापन🙏

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धड़ाके की ठंड और आधी रात ----अब इंसान रजाई सिर से पांव तक ओढ़ के सोएगा ही ना? पता नहीं किसने मुझे बांह पकड़कर हिलाया। नींद खुल गई तो देखा एक सज्जन सामने खड़े हैं। बिल्कुल हड़बड़ा के उठ गई। " आप ...

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लेखक के बारे में
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Sulekha Chatterjee

अच्छी रचनाएं पढ़ना हमेशा का शौक रहा. उम्र का एक लंबा सफर तय करने के बाद अब लिखने का शौक भी हुआ. कोशिश यह करूंगी कि आप तक चुनिंदा रचनाएं पहुंचा सकूं. अभी हाल में ऐमेज़ॉन से एक कहानी संग्रह का प्रकाशन हुआ है ----' मन के मनके '

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
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    निरंजना जैन
    19 ಜನವರಿ 2023
    आदरणीया, आपने भले ही ख्वाब मेंं अंतराक्षरी खेली हो,लेकिन आपकी सबसे जुदा इस प्रस्तुति ने तो दिल गॉर्डन-गॉर्डन कर दिया।इसके लिए मेरी बधाई और स्टीकर स्वीकारें।👌👌👌👌👌👏😊
  • author
    18 ಜನವರಿ 2023
    😆😆😆😆😆ख्वाब में हीं सही किंतु अंत्याक्षरी के माध्यम से इस लिपिजी का पोल खोल कर रख दिया आपने...अतिसुंदर शानदार जानदार दमदार मजेदार उत्कृष्ट अभिव्यक्ति आपकी 👌👌🙏🙏
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    18 ಜನವರಿ 2023
    ख्वाब हो तुम या कोई हकीकत, आओ मुझे बतलाओ।। सुन्दर सृजन तुकांत अंदाज लिए । मजेदार। जयश्रीकृष्ण आदरणीय जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।नमन।
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    निरंजना जैन
    19 ಜನವರಿ 2023
    आदरणीया, आपने भले ही ख्वाब मेंं अंतराक्षरी खेली हो,लेकिन आपकी सबसे जुदा इस प्रस्तुति ने तो दिल गॉर्डन-गॉर्डन कर दिया।इसके लिए मेरी बधाई और स्टीकर स्वीकारें।👌👌👌👌👌👏😊
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    18 ಜನವರಿ 2023
    😆😆😆😆😆ख्वाब में हीं सही किंतु अंत्याक्षरी के माध्यम से इस लिपिजी का पोल खोल कर रख दिया आपने...अतिसुंदर शानदार जानदार दमदार मजेदार उत्कृष्ट अभिव्यक्ति आपकी 👌👌🙏🙏
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    18 ಜನವರಿ 2023
    ख्वाब हो तुम या कोई हकीकत, आओ मुझे बतलाओ।। सुन्दर सृजन तुकांत अंदाज लिए । मजेदार। जयश्रीकृष्ण आदरणीय जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।नमन।