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कृष्ण प्रेम विरह वेदना

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सदियों का इंतजार... विरहा वेदना... बिरहा की वेदना में तप कर मेरा प्रेम कुंदन बन गया मैं देखूं राधा सी दर्पण में तू प्रीतम मेरा कृष्ण बन गया.. तेरी पूजा करूं,,,तेरे संग रास रचाऊ,,,बिरहा गीत गाऊं,, ...

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समीक्षा
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  • author
    मनोज चौकीकर
    30 जनवरी 2020
    मीरा जोगन श्याम की,,,राधा प्रेम का नाम। कंचन मन जहाँ रहे,,,चारों वहीं धाम।।
  • author
    डॉ रेनु सिंह
    30 जनवरी 2020
    कृष्ण प्रेम के सभी दीवाने।किसी को किसी रूप में मिला तो किसी को दूसरे रूप में। अच्छी रचना
  • author
    Vinita Tripathi
    30 जनवरी 2020
    very nice aapne sabki vedna ko ache se explain kiya hai
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    मनोज चौकीकर
    30 जनवरी 2020
    मीरा जोगन श्याम की,,,राधा प्रेम का नाम। कंचन मन जहाँ रहे,,,चारों वहीं धाम।।
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    डॉ रेनु सिंह
    30 जनवरी 2020
    कृष्ण प्रेम के सभी दीवाने।किसी को किसी रूप में मिला तो किसी को दूसरे रूप में। अच्छी रचना
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    Vinita Tripathi
    30 जनवरी 2020
    very nice aapne sabki vedna ko ache se explain kiya hai