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कृष्ण नामी दोहे

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गीता मै श्री कृष्ण ने, कही बात गंभीर औरों से दुनिया लड़े, लड़े स्वयं से वीर //१. // लाल यशोदानंद का, गिरिधर माखन चोर दिखता है मुझको वहां, मै देखूं जिस ओर /२. // रूप-रंग-श्रृंगार क्यों, नाचे मन में मोर ...

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लेखक के बारे में

जन्म: 24 जुलाइ 1971, दिल्लीशिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से स्नातकभाषा अधिकार: हिन्दी, उर्दू, गढ़वाली बोली उत्तरांचाली साहित्य संस्थान के संस्थापक कथा संसार में उपसंपादक, आर्ट्स कॉलिंग आर्टिस्ट्स ग्रुप में वाइस-प्रेसिडेंट, आम आदमी पार्टी के सक्रिय सदस्य सम्पादिक पुस्तक: आपकी उड़ान- भाग एक, आम आदमी पार्टी के कवियों की पहली पुस्तक(2013) साहित्यिक लेखन एवं रुचियाँ: कहानी, लघुकथा, गीत, गज़ल, जनक छंद, दोहे, हाइकू, मुक्तक, कुंडलियाँ, छप्पय आदि प्रकाशित कृतियाँ: तीन पीढ़ियाँ: तीन कथाकार(कहानी संग्रह) प्रेमचंद, मोहन राकेश एवं महावीर उत्तरांचाली की 4-4 प्रतिनिधि कहानियाँ, 2007आग का दरिया(ग़ज़ल संग्रह), 2009आग यह बदलाव की(ग़ज़ल संग्रह), 2013मन में नाचे मोर है(जनक छंद संग्रह), 2009, 2014अंतरघट तक प्यास(दोहा संग्रह), 2009बुलंद अशआर(चुनिंदा शेर) 2009 अनेकानेक अन्य सम्पादिक पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित

समीक्षा
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  • author
    Radha Thakur
    20 ஜனவரி 2022
    वाह! अत्यंत सुंदर और ह्रदय को छुने वाले दोहे लिखे है आपने। और लिखिए गा। 🙏🙏🙏❤️❤️जय श्री कृष्ण ❤️❤️🙏🙏🙏
  • author
    Sushil Shrivastav
    18 ஜனவரி 2019
    very nice please write more, thanks
  • author
    योगी योगेन्द्र
    23 ஜூன் 2018
    बहुत सुंदर जय श्री कृष्ण
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    Radha Thakur
    20 ஜனவரி 2022
    वाह! अत्यंत सुंदर और ह्रदय को छुने वाले दोहे लिखे है आपने। और लिखिए गा। 🙏🙏🙏❤️❤️जय श्री कृष्ण ❤️❤️🙏🙏🙏
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    Sushil Shrivastav
    18 ஜனவரி 2019
    very nice please write more, thanks
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    योगी योगेन्द्र
    23 ஜூன் 2018
    बहुत सुंदर जय श्री कृष्ण