आज वह बहुत खुश था । हो भी क्यो न आज उसके बचपन की मुराद पूरी होने जा रही थी । आज जब उसने कोट के लिए कपड़ा खरीदा तो उसे लगा की वह उस सपने को पूरा करने जा रहा है जो उसने आज से 25 साल पहले देखा था । सपना ...
बहुत ही खूबसूरत, अद्भुत कहानी.अक्सर निम्न मध्यम वर्गीय परिवार👨👦👧👩👴👵 की यही सथिति होती है.माँ👩 बाप बच्चों की जरूरतें पूरी करने के लिए अपनी खुशियों को ताक पर रख देते हैं.एक मर्मस्पर्शी अपनी सी कहानी के लिए बधाई🎉🎊
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बहुत सुंदर ,,अद्भुत, कहानी के अंत तक पहुंचने से पहले ही आँखें छलछलाने लगी थीं। निम्न मध्यवर्गीय परिवारों में जिस तरह से लोग अपनी खुशियों को त्याग कर परिवार के अन्य सदस्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति पर ज्यादा जोर देते हैं, उसी भावना को लेखक ने बड़ी बेबाकी के साथ प्रस्तुत किया है। हालांकि यह आम बात नहीं है लेकिन जहां भी वहां परिवार मजबूत हैं। ईश्वर ही सबसे बड़ा सहायक है। लेखक को बधाई।
स्नेह मधुर, लखनऊ
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