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कितने अच्छे लोग... (संस्मरण कथा)

4.7
1607

बस एस्कार्ट् की ड्यूटी पर तैनात रहते हुए एक कर्तव्यनिष्ठ शिक्षिका के छोटे बालक का गुम हो जाना और नन्हे छात्र सहित मां के हौसले से प्राप्त सफलता का सुख.

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लेखक के बारे में

डा. अंजु लता सिंह ,भूतपूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष,केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली. सागर वि.वि.(म.प्र.)में दो वर्ष(1980 से1982)तक हिंदी व्याख्याता पद पर कार्यरत. 1983 से 1986 तक पब्लिक स्कूल में हिंदी स्नातकोत्तर शिक्षिका 1987से 2017 तक हिंदी स्नातकोत्तर शिक्षिका पद पर अध्यापनानुभव. कुल चार पुस्तकें प्रकाशित १.हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों के परिप्रेक्ष्य में स्व.फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यासों का विशेष अध्ययन. २.काव्यांजलि(कविता-संग्रह) ३.सारे जमीं पर(कविता संग्रह) ४.महकता हरसिंगार(लघुकथा संग्रह) स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में लगभग पांच सौ पचास रचनाएं प्रकाशित. चार बार अवार्ड्स प्राप्त(बैस्ट टीचर एवं लेखन संबंधी) फेसबुक पर लगभग एक सौ साठ सम्मान पत्र प्राप्त. संप्रति- *"प्रतिभा विकास मिशन"गैर सरकारी रजिस्टर्ड समाज सेवी संस्था की संचालिका पद पर कार्यरत। *अंतर्राष्ट्रीय साहित्य अर्पण" मंच पर निर्णायक मंडल सदस्या। *"अंतर्राष्ट्रीय महिला काव्य मंच" की दक्षिणी दिल्ली शाखा में अध्यक्ष पद पर चयन। *लेखन,वाचन,पाठन में व्यस्त। _______

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rakesh Pandey
    24 जनवरी 2020
    वाह अंजू दी, बहुत अच्छा लगा आपका यह अनुभव पढ़ कर, अच्छे लोगों की संख्या अभी भी ज्यादा है, कुछ और जीवन के सत्य प्रेरक अनुभव अवश्य साझा करियेगा.... शुभकामनाओं के साथ धन्‍यवाद
  • author
    RAJKUMAR MEHTO
    15 जुलाई 2020
    अब भी नहीं हमेशा ही हर जगह अच्छे लोग हैं बस पहचानने में गलती हो जाती है वह बहुत Bade Nahin balki bahut Chhote log Hain
  • author
    Lalit Kumar sinhaa
    31 मार्च 2021
    समाज में बुरे लोग और अच्छे दोनों लोग हैं। अच्छे लोगों के कारण ही आज भी मानवीयता जिंदा है और रहेगी।
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    Rakesh Pandey
    24 जनवरी 2020
    वाह अंजू दी, बहुत अच्छा लगा आपका यह अनुभव पढ़ कर, अच्छे लोगों की संख्या अभी भी ज्यादा है, कुछ और जीवन के सत्य प्रेरक अनुभव अवश्य साझा करियेगा.... शुभकामनाओं के साथ धन्‍यवाद
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    RAJKUMAR MEHTO
    15 जुलाई 2020
    अब भी नहीं हमेशा ही हर जगह अच्छे लोग हैं बस पहचानने में गलती हो जाती है वह बहुत Bade Nahin balki bahut Chhote log Hain
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    Lalit Kumar sinhaa
    31 मार्च 2021
    समाज में बुरे लोग और अच्छे दोनों लोग हैं। अच्छे लोगों के कारण ही आज भी मानवीयता जिंदा है और रहेगी।