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कितना मुश्किल है मुझे संभालना.....🌷

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🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 एक लड़की हू घर की इज्जत हु परिवार में सबसे कीमती हू हमेशा नजरों के सामने रहती हु कितना मुश्किल है ना मुझे संभालना मां के आंचल में रहती हु पिता के परछाई में रहती हु किसी की ...

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लेखक के बारे में
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Miss k....🖤🖤

....🖤

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    06 नवम्बर 2022
    बोझ नही नगीना हो,हिफाजत जरूरत है। इक तलवार हो,म्यान जरूरत हैं, कोमल सी कली हो, छांव जरुरत हैं। दरख्त की मूल हो। मिट्टी मे रहना दब कर। यही जरूरत हैं। कोई दबाव नही हैं वैसे, जो न मानना जरूरत हैं। पर फिर शिकायत भी , रहे कोई न , जो वास्ता ए हकीकत हैं।।। दी जवाब यह बन पडा हैं।। बेहतरीन सृजन पर शिकायत न हो। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण ।।
  • author
    UMA SHARMA "अर्तिका"
    06 नवम्बर 2022
    बेहतरीन शानदार,,, लेखन 👌👌👌 लाजवाब पंक्तियां लिखी है 👌👌👌 सुन्दर अभिव्यक्ति 👌👌👌 जय श्री राधे कृष्णा जी 🙏🌼🌼
  • author
    Mona Bansal
    06 नवम्बर 2022
    bahut sunder likha
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  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    06 नवम्बर 2022
    बोझ नही नगीना हो,हिफाजत जरूरत है। इक तलवार हो,म्यान जरूरत हैं, कोमल सी कली हो, छांव जरुरत हैं। दरख्त की मूल हो। मिट्टी मे रहना दब कर। यही जरूरत हैं। कोई दबाव नही हैं वैसे, जो न मानना जरूरत हैं। पर फिर शिकायत भी , रहे कोई न , जो वास्ता ए हकीकत हैं।।। दी जवाब यह बन पडा हैं।। बेहतरीन सृजन पर शिकायत न हो। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण ।।
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    UMA SHARMA "अर्तिका"
    06 नवम्बर 2022
    बेहतरीन शानदार,,, लेखन 👌👌👌 लाजवाब पंक्तियां लिखी है 👌👌👌 सुन्दर अभिव्यक्ति 👌👌👌 जय श्री राधे कृष्णा जी 🙏🌼🌼
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    Mona Bansal
    06 नवम्बर 2022
    bahut sunder likha