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किस्मत

4.7
241

■ अनुपम निशान्त वह नौजवान बड़ा कुशल तैराक था। झील में ऐसे तैरता कि उसे देख मछलियां भी लजा जाएं। बाढ़ में उफान मारती नदी की धारा को चीरता हुआ ऐसे आर-पार हो जाता कि देखने वाले दांतों तले अंगुली दबा ...

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लेखक के बारे में
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Anupam Nishant

पेशे से संवेदनशील पत्रकार और हृदय से भावुक लेखक

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pawan Kumar
    21 अप्रैल 2020
    बहुत अच्छा लगा यह पढ़कर मगर एक चीज़ तो बताई नहीं आपकी यह रचना काल्पनिक है या सच में ऐसा हुआ था
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    Pawan Kumar
    21 अप्रैल 2020
    बहुत अच्छा लगा यह पढ़कर मगर एक चीज़ तो बताई नहीं आपकी यह रचना काल्पनिक है या सच में ऐसा हुआ था