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किसी सहारे की जरूरत नहीं है।

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वे मुस्कुराते रहते हैं, हर वक्त सबसे मिलते है , करते है बाते , वे शोर शराबे में रहना पसंद करते हर वक्त वे खोजते रहते है बाते वाले साथी को क्योंकि वे अंदर से तन्हा होते है, हमारी छुपी तन्हाई हमें ...

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लेखक के बारे में
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Kalpana Mishra

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समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Wasim khan Khan
    07 நவம்பர் 2023
    बहुत ही खूबसूरत रचना है...... सराहनीय लजवाब शानदार रचना....... बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने 👌👌👌👌👌👌👌प्लीज आप भी मेरी नई रचना सौतेली के भाग 4 और भाग 5 पर अपने खूबसूरत विचार व्यक्त करें 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
  • author
    Kusum Surana
    07 நவம்பர் 2023
    बहुत बेहतरीन सोच!🙏❤️🌹❤️🌹🙏
  • author
    मेहंदीरत्ता आर
    07 நவம்பர் 2023
    दार्शनिक अंदाज़ मे कहा,सच है🌺🌺🌺🌺❤❤
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    Wasim khan Khan
    07 நவம்பர் 2023
    बहुत ही खूबसूरत रचना है...... सराहनीय लजवाब शानदार रचना....... बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने 👌👌👌👌👌👌👌प्लीज आप भी मेरी नई रचना सौतेली के भाग 4 और भाग 5 पर अपने खूबसूरत विचार व्यक्त करें 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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    Kusum Surana
    07 நவம்பர் 2023
    बहुत बेहतरीन सोच!🙏❤️🌹❤️🌹🙏
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    मेहंदीरत्ता आर
    07 நவம்பர் 2023
    दार्शनिक अंदाज़ मे कहा,सच है🌺🌺🌺🌺❤❤