बचपन में मैं इसे तोड़ने का एक्सपर्ट था।यह किरमिच खुजली बेहद सुन्दर दिखती है। मैं तोड़ता था बाकी सब भूनते थे।हाथ लगाना होता तो मैं ही लगाता। फिर मजे से इसके दाने खाते थे। यह नकसीर फूटने पर अचूक दवाई है। ...
बस यूं ही अक्षर शब्दों में, शब्द भावनाओं में और भावनाएं फिर अक्षरों में समा जाती हैं। तब आस्तित्व में आती हैं प्रकाशित होकर पुस्तकें "समय समेटे साक्ष्य" "सियालकोट की सरहद" "जीवन में कुछ और बहुत है" "समुंदरों के पार" "पानी की परत".....
सारांश
बस यूं ही अक्षर शब्दों में, शब्द भावनाओं में और भावनाएं फिर अक्षरों में समा जाती हैं। तब आस्तित्व में आती हैं प्रकाशित होकर पुस्तकें "समय समेटे साक्ष्य" "सियालकोट की सरहद" "जीवन में कुछ और बहुत है" "समुंदरों के पार" "पानी की परत".....
रिपोर्ट की समस्या
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