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किरदार अपना अपना

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यह दुनिया एक रंगमंच है जिसके संचालन की डोरी है ऊपर वाले के हाथ। वह मनुष्य के कर्मों के अनुसार करता सुख दुख का संचालन। सब कुछ निर्धारित होता उसके उसी लेखे जोखे के अनुसार। दुनिया के रंगमंच पर सब अपना ...

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लेखक के बारे में
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Sudershan Khare

नाम तो ऊपर लिखा ही है आयु 73 लखनऊ से अब दिल्ली-एनसीआर (रोहिणी) में निवास लगभग 37 वर्ष पुस्तकालयाध्या की नौकरी करने के उपरांत 2007 में अवकाशप्राप्त । अब स्वतंत्र लेखन और NGO (उदयन शालिनी) जो बालिकाओं के लिए कार्य करता है उससे जुड़ाव । परिवार में पति,बेटे-बहू । बिटिया ससुराल मे. शादी के51 वर्ष 11.12.2020 को पूर्ण । बस यही मेरा परिचय है

समीक्षा
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    HARVINDER KAUR
    05 నవంబరు 2022
    very true
  • author
    Sulekha Chatterjee
    05 నవంబరు 2022
    👍👍👍👍 बस यही सिलसिला जन्म जन्मांतर चलता रहता है सुदर्शन जी।बहुत सही कहा आपने 🙏🙏🙏🙏🙏
  • author
    05 నవంబరు 2022
    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति दी है I 👌👌👌
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    HARVINDER KAUR
    05 నవంబరు 2022
    very true
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    Sulekha Chatterjee
    05 నవంబరు 2022
    👍👍👍👍 बस यही सिलसिला जन्म जन्मांतर चलता रहता है सुदर्शन जी।बहुत सही कहा आपने 🙏🙏🙏🙏🙏
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    05 నవంబరు 2022
    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति दी है I 👌👌👌