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किरंच भाग -तीन

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4.1

तरुण की बाहों में मैं खुद को दुनियां की सबसे खुशनसीब लड़की समझती ,देखते ही देखते दो साल निकल गए उसके फाइनल ईयर के पेपर हो रहे थे । सबसे बड़ी बात ये थी कि घर मे किसी को भी मेरे औऱ तरुण के रिश्ते से ...