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माँ पापा का कातिल

4.4
15881

कोई बच्चा मां पापा का कातिल नहीं हो सकता

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लेखक के बारे में
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लता शर्मा

तुम आए जिंदगी में, जिंदगी फूलों सी हो गई, हर पल महकी महकी सी रहूं, मैं जैसे कोई इत्र हो गई.. मिले हो तुम जबसे दिल कहे, हां, सखी तुझे भी मुहब्बत हो गई..😘 ©सखी

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Subodh Sinha
    26 মে 2021
    kahani acchi lagi .ant bhala to sab bhala
  • author
    Lata Sharma "झल्ली"
    18 অক্টোবর 2017
    khubsurat
  • author
    Yogesh Khanna
    22 সেপ্টেম্বর 2021
    आपके द्वारा लिखित कहानी पढ़कर अच्छा लगा , हर किसी के मन में अपने साथ बीत चुकी पास्ट की बुरी दुर्घटनाए बातें याद करने से मन विचलित सा हो जाता है शायद यही इनके साथ हुआ , लेकिन अंततः इनका भविष्य तो अच्छा हुआ , पढ़कर अच्छा लगा
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    Subodh Sinha
    26 মে 2021
    kahani acchi lagi .ant bhala to sab bhala
  • author
    Lata Sharma "झल्ली"
    18 অক্টোবর 2017
    khubsurat
  • author
    Yogesh Khanna
    22 সেপ্টেম্বর 2021
    आपके द्वारा लिखित कहानी पढ़कर अच्छा लगा , हर किसी के मन में अपने साथ बीत चुकी पास्ट की बुरी दुर्घटनाए बातें याद करने से मन विचलित सा हो जाता है शायद यही इनके साथ हुआ , लेकिन अंततः इनका भविष्य तो अच्छा हुआ , पढ़कर अच्छा लगा