pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

कीचक वध

4.5
1296

सुना है द्रौपदी के केश बहुत लम्बे थे बिलकुल उसके अस्तित्व , उसकी अकांक्षाओ की तरह.. द्रुपद सुता , पांडव भार्या होते हुए भी वह द्रौपदी थी पृथक हर उस पहचान के जो उसके रक्षक और कभी( शायद ) भक्षक समाज ने ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Abhishek Jalan
    11 अक्टूबर 2015
    Beautiful poem Great use of words Keep it up Neha
  • author
    उपासना सियाग
    11 अक्टूबर 2015
    बहुत  सुन्दर  रचना
  • author
    Payal Poonam
    15 अक्टूबर 2015
    Very well written (y) !
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Abhishek Jalan
    11 अक्टूबर 2015
    Beautiful poem Great use of words Keep it up Neha
  • author
    उपासना सियाग
    11 अक्टूबर 2015
    बहुत  सुन्दर  रचना
  • author
    Payal Poonam
    15 अक्टूबर 2015
    Very well written (y) !