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ख़ुशी

4.4
18634

"सुन मेरे हमसफ़र, क्या तुझे इतनी सी भी खबर," ये खूबसूरत सुरीला गाना अविनाश की गाडी में मंद मंद बज रहा था, और इसकी धुन में खो चूका अविनाश, बस सिमरन के बारे में ही सोच रहा था । कई हसीं पल उसकी ...

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समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    asha
    22 दिसम्बर 2018
    vipin ji uuutam kahani ki liye aap ki jitni bhi tarif kare kam hai 👌👌💯💯🏡👏🌹🌹
  • author
    Vishal Mahor Bhagat Ji "भगत जी"
    20 दिसम्बर 2018
    waah विपिन जी बहुत ही सुन्दर रचना। जितनी तारीफ की जाए कम। प्यार तो प्यार होता है जो अंत में था वेह भी प्यार ही रहा। विशुद्ध प्रेंम। आपकी इस सुन्दर रचना के लिए दिल से अभिनन्दन।
  • author
    Prabha Shanker Sharma
    28 सितम्बर 2018
    दिल की गहराइयों से जो खुशी मिलती है वह खुशी हर खुशी से बेहतर है
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    asha
    22 दिसम्बर 2018
    vipin ji uuutam kahani ki liye aap ki jitni bhi tarif kare kam hai 👌👌💯💯🏡👏🌹🌹
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    Vishal Mahor Bhagat Ji "भगत जी"
    20 दिसम्बर 2018
    waah विपिन जी बहुत ही सुन्दर रचना। जितनी तारीफ की जाए कम। प्यार तो प्यार होता है जो अंत में था वेह भी प्यार ही रहा। विशुद्ध प्रेंम। आपकी इस सुन्दर रचना के लिए दिल से अभिनन्दन।
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    Prabha Shanker Sharma
    28 सितम्बर 2018
    दिल की गहराइयों से जो खुशी मिलती है वह खुशी हर खुशी से बेहतर है