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खुदा का खुद कहना है नेकी कर , खुदा के बंदे, तू किसी के काम तो आए

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ईमान रख साथ में और फैला हाथ खुदा से यहां किसी में क्या हिम्मत जो किस्मत में नहीं तेरी वो तुझे मिल जाए क्यों किसी के आगे हाथ फैलाया जाय क्यों अपनी आबरू का रुतबा घटाया जाय मर जाना ही अच्छा है ...

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लेखक के बारे में
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सुनील दत्त

जरूरी नही लोग आपको उस समय सुने जब आप कह रहे हो कभी कभी लोग बाद में सुनते है जब आपकी बात खत्म हो जाये

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Punjabi girl Sherni
    02 अप्रैल 2025
    बहुत सुंदर लिखा है आपने बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन प्रस्तुति 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
  • author
    02 अप्रैल 2025
    बेहतरीन सराहनीय प्रस्तुति आपकी 💯💯♥️🌷🌷
  • author
    Rakesh Chaurasia
    01 अप्रैल 2025
    बहुत बढ़िया प्रस्तुति।
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    Punjabi girl Sherni
    02 अप्रैल 2025
    बहुत सुंदर लिखा है आपने बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन प्रस्तुति 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
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    02 अप्रैल 2025
    बेहतरीन सराहनीय प्रस्तुति आपकी 💯💯♥️🌷🌷
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    Rakesh Chaurasia
    01 अप्रैल 2025
    बहुत बढ़िया प्रस्तुति।