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खुदा जब हुस्न देता है

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खुदा जब हुस्न देता है खुदा  जब  हुस्न  देता  है, नजाकत आ ही जाती है। करे  मोहब्बत  जो  कोई, शराफत आ ही जाती है। खुदा  जब  हुस्न  देता  है, नजाकत आ ही जाती है। दहकते होठों पर उनके, जरा सा हाथ ...

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लेखक के बारे में
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पंकज झा

जन्म लिया था मैथिली धरा में, अवध में शिक्षण व ब्याह हुआ। माया ने राजधानी में जकड़ा था हरियाणा में कार्य निर्वाह हुआ। कला साहित्य में स्नातक हुआ मैं, इतिहास का परास्नातक भी बना। लिखने का शौकीन हूं,पर साहित्य सागर की बूंद को, चातक हूं बना।

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  • author
    शेष कुमार "दीपक"
    02 जून 2020
    सुन्दर रचना पर प्रस्तुति भी
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    JYOTI JHA
    02 जून 2020
    sunder
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    शेष कुमार "दीपक"
    02 जून 2020
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    JYOTI JHA
    02 जून 2020
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