खोया बचपन चलो लेखनी आज स्मरण उसे करा दें जो बालक बना मजदूर नवचेतना जगा दें मजबूर है मजदूर वह बचपन उसे लौटा दें । जब नन्हें कोमल हाथ कचरे को उठाता है तब रोम रोम उसका क्रंदन कर रोता है डालें न ...
खोया बचपन चलो लेखनी आज स्मरण उसे करा दें जो बालक बना मजदूर नवचेतना जगा दें मजबूर है मजदूर वह बचपन उसे लौटा दें । जब नन्हें कोमल हाथ कचरे को उठाता है तब रोम रोम उसका क्रंदन कर रोता है डालें न ...