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खूनी ढाबा (भाग -3) अंतिम भाग।

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4.2

दोनों बस टकटकी लगाय एक दूसरे के चेहरे को निहार रहे थे अब ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वो अपने सोचने की क्षमता ही खो बैठे हो , न चाहते हुए भी उन्हें उस बूढ़े व्यक्ति के बताए बातो को मानना था , इसके ...