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हिन्दी

खून सफेद

4.6
6631

चैत का महीना था, लेकिन वे खलियान, जहाँ अनाज की ढेरियाँ लगी रहती थीं, पशुओं के शरणास्थल बने हुए थे; जहाँ घरों से फाग और बसन्त का अलाप सुनाई पड़ता, वहाँ आज भाग्य का रोना था। सारा चौमासा बीत गया, पानी ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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  • author
    Asha Roy "आशा"
    17 नवम्बर 2020
    महान लेखक के रचना के सम्बन्ध में कुछ कहना सूरज को दिया दिखाने जैसा होगा।
  • author
    Amit Mishra
    09 दिसम्बर 2021
    इस रूढ़िवादिता ने हिन्दू समाज को काफी नुकसान पहुंचाया।कई बार जब मुगलो तुर्को अरबो ने हिन्दुओ को जबरन तलवार के ज़ोर पर मुस्लिम बनाया और वो लोग बाद में दोबारा हिन्दू बनना चाहते थे तो उन्हें फिर हिन्दू नही बनने दिया गया
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    Asha Roy "आशा"
    17 नवम्बर 2020
    महान लेखक के रचना के सम्बन्ध में कुछ कहना सूरज को दिया दिखाने जैसा होगा।
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    Amit Mishra
    09 दिसम्बर 2021
    इस रूढ़िवादिता ने हिन्दू समाज को काफी नुकसान पहुंचाया।कई बार जब मुगलो तुर्को अरबो ने हिन्दुओ को जबरन तलवार के ज़ोर पर मुस्लिम बनाया और वो लोग बाद में दोबारा हिन्दू बनना चाहते थे तो उन्हें फिर हिन्दू नही बनने दिया गया