अमृतसर से स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे चली और आठ घंटों के बाद मुगलपुरा पहुंची। रास्ते में कई आदमी मारे गए। अनेक जख्मी हुए और कुछ इधर-उधर भटक गए। सुबह दस बजे कैंप की ठंडी जमीन पर जब सिराजुद्दीन ने आंखें ...
सआदत हसन मंटो ,( जन्म:11 मई, 1912, समराला, पंजाब; मृत्यु: 18 जनवरी, 1955, लाहौर) कहानीकार और लेखक थे। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे।
सारांश
<p><strong>सआदत हसन मंटो</strong> ,( जन्म:11 मई, 1912, समराला, पंजाब; मृत्यु: 18 जनवरी, 1955, लाहौर) कहानीकार और लेखक थे। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे।</p>
सच इंसान ही हैं जो भेड़िया बन सकता हैं, बहुत सोचने पे मजबूर करती हैं ये कहानी ,समय कितना भी बदल जाये ,सोच न बदली तो कैसे सलामत रहेगी सकीना, उसके लिए फिर हर मर्द वो ही होगा ,जो उसके जिस्म की भूख शांत करना चाहेगा ,वो भूल जाएगी बाप भाई जैसे पवित्र रिश्तों को ,बस उसे दिखेगा एक मर्द भेडिया ,सोच बदलनी ही चाहिए ।।
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सच इंसान ही हैं जो भेड़िया बन सकता हैं, बहुत सोचने पे मजबूर करती हैं ये कहानी ,समय कितना भी बदल जाये ,सोच न बदली तो कैसे सलामत रहेगी सकीना, उसके लिए फिर हर मर्द वो ही होगा ,जो उसके जिस्म की भूख शांत करना चाहेगा ,वो भूल जाएगी बाप भाई जैसे पवित्र रिश्तों को ,बस उसे दिखेगा एक मर्द भेडिया ,सोच बदलनी ही चाहिए ।।
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