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खोखली उदारवादिता

4.7
1814

गौतम उदारतावादी स्वर में बोला -''लिव-इन कोई गलत व्यवस्था नहीं...आखिर कब तक वही पुराने..घिसे-पिटे सिस्टम पर समाज चलता रहेगा ..विवाह ....इससे भी क्या होता है ? गले में पट्टा डाल दिया बीवी के नाम का और ...

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लेखक के बारे में

 *उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान,उत्तर प्रदेश  द्वारा इनके लघु कथा संग्रह '' क्योंकि औरत कट्टर नहीं होती '' के लिए ''पंडित बद्री प्रसाद शिन्गलु स्मृति पुरुस्कार''[2015]  से सम्मानित डॉ शिखा को सृजन  गाथा डॉट कॉम द्वारा मिस्र में आयोजित ग्यारहवें  अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी  सम्मलेन[2016] में सहभागिता व् कविता के लिए प्रमोद वर्मा युवा सम्मान २०१६  ,गुरु घासी दास सम्मान से सम्मानित किया गया तथा 14 वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन, राजस्थान (1 अक्तूबर से 12 अक्तूबर 2017) में साहित्यिक योगदान हेतु  डॉ राजेंद्र सोनी स्मृति सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। स्त्री सशक्तिकरण को लेकर डॉ शिखा ने सार्थक लेखन कर समाज को एक नई दिशा प्रदान करने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की है। 

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Lalita Yuwney
    14 ஆகஸ்ட் 2021
    इंसान की कथनी और करनी में जो फर्क होता हैं बहोत कम शब्दों में बहोत ही अच्छे से दर्शा दिया आपने
  • author
    Shweta Kumar
    21 ஜூன் 2024
    bherterin awesome shandaar story ye h wo double standard rakhte Hain
  • author
    लकी निमेष "lucky"
    16 செப்டம்பர் 2017
    bahtreen mam very nice ho sake to meri kahani, wo badal gayi, bhi padhe thanks
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    Lalita Yuwney
    14 ஆகஸ்ட் 2021
    इंसान की कथनी और करनी में जो फर्क होता हैं बहोत कम शब्दों में बहोत ही अच्छे से दर्शा दिया आपने
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    Shweta Kumar
    21 ஜூன் 2024
    bherterin awesome shandaar story ye h wo double standard rakhte Hain
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    लकी निमेष "lucky"
    16 செப்டம்பர் 2017
    bahtreen mam very nice ho sake to meri kahani, wo badal gayi, bhi padhe thanks