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खोई खोई सी

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खोई खोई सी अपने आप में रहती थी नहीं किसी से ज्यादा बातें वो करती थी।। सादगी उसकी किसी के मन को भा गई सौम्यता भी उसकी दिल को लुभा गई।। झुकी झुकी पलकों पर उसकी मरने लगा दिल ही दिल में मुहब्बत उससे करने ...

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लेखक के बारे में
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Reeta Gupta

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए दो वर्ष हो चुके है।अभी कोटा (राजस्थान) में रहते हैं।शिक्षा बनस्थली विद्यापीठ से हुई।लेखन का शौक शुरू से था लेकिन खुलकर लिखने का समय अब सेवानिवृत्ति के बाद ही मिल पाया है।समाज सेवा से जुड़ी हूं।साथ ही एमवे बिजनेस भी पूरी शिद्दत से कर रही हूं

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    Suraj Maurya
    20 दिसम्बर 2021
    nice
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    20 दिसम्बर 2021
    बहुत ही सुंदर, भावपूर्ण, और लाज़वाब प्रस्तुति है आपकी, मनोभावों की बेहतरीन अभिव्यक्ति, ऐसे ही सुंदर सुंदर लिखते, 👌👌👍👍🖊️🖊️✍️✍️
  • author
    20 दिसम्बर 2021
    बहुत khubsurat भावों का सृजन लाजवाब लिखा आपने💐💐🌺🌺🌸✍️👏👏
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    Suraj Maurya
    20 दिसम्बर 2021
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    20 दिसम्बर 2021
    बहुत ही सुंदर, भावपूर्ण, और लाज़वाब प्रस्तुति है आपकी, मनोभावों की बेहतरीन अभिव्यक्ति, ऐसे ही सुंदर सुंदर लिखते, 👌👌👍👍🖊️🖊️✍️✍️
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    20 दिसम्बर 2021
    बहुत khubsurat भावों का सृजन लाजवाब लिखा आपने💐💐🌺🌺🌸✍️👏👏