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खिड़की

4.9
178

खिड़की, पसन्द है मुझे। खिड़की के पास रहना, उसके पास बैठना, और उससे झाँकना अच्छा लगता है। दीवारों के बीच बनी ये खिड़कियाँ, आज़ादी का अहसास कराती, दुनिया के रंगों को खुद में समेटती, प्रत्यक्ष को दर्शाती, ...

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लेखक के बारे में
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shashikant kumar

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    09 जुलाई 2019
    कमरे को सांस देती खिड़कियां" बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति! इस कविता में गहराई और ऊँचाई दोनों है। साधुवाद! आप इस साइट पर मेरी अन्य रचनायें भी पढ़ें। मेरा ब्लॉग marmagyanet. blogspot.com पर विजिट करें और अपने विचारों से अवगत कराएँ। आप मेरे यूट्यूब चैन्नेल marmagya net को सबस्क्राईब करें और बेल आइकॉन को दबा दे ताकि मेरे विडियो अपलोड होने पर आपको उसकी सूचना मिल जाय। आप मेरा पहला उपन्यास "डिवाइडर पर कॉलेज जंक्शन" ऐमेज़ॉन के इस लिन्क पर मात्र 93 रु में घर मँगवा सकते हैं। आपके विचारों का इन्तजार रहेगा। link: http://amzn.to/2Ddrwm1 मेरी कविता संग्रह "कौंध" में अमेज़न Kindle पर प्रकाशित हुयी है, जिसे इस लिंक पर जाकर डाऊनलोड कर पढ़ा जा सकता है। Link: https://aman.to/2KdRnSP मेरा लिखा कहानी संग्रह "छाँव का सुख" अमेज़न किंडल पर ई बुक के रूप में इस लिंक पर उपलब्ध है: छाँव का सुख (Hindi Edition) https://amzn.to/2IboioB Facebook link: https://m.facebook.com/public/Brajendranath-Mishra सादर आभार! ब्रजेन्द्रनाथ सादर आभार! ब्रजेन्दनाथ
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    Yakoob Khan "Anshu"
    16 जुलाई 2019
    वाह! बहुत ख़ूब।खिड़कियों की विशेषता का आभास आज इस बहुत सुंदर रचना को पढ़कर हुआ है।बहुत बढ़िया लिखा है आपने।
  • author
    UMA SHARMA "अर्तिका"
    26 मई 2023
    बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय सराहनीय रचना लिखी है,,,, बिल्कुल सही कहा आपने खिड़की के पास बैठने पर आनंद का अनुभव होता है,,, बाहर का परिवेश और भी खूबसूरत नजर आता है,,, बस हो या रेलगाड़ी का सफर हमें तो खिड़की के पास बैठना अच्छा लगता है,, सुन्दर प्रस्तुति 🌹🌹🌹🌹🌹 जय श्री राधे कृष्णा जी 🙏
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    09 जुलाई 2019
    कमरे को सांस देती खिड़कियां" बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति! इस कविता में गहराई और ऊँचाई दोनों है। साधुवाद! आप इस साइट पर मेरी अन्य रचनायें भी पढ़ें। मेरा ब्लॉग marmagyanet. blogspot.com पर विजिट करें और अपने विचारों से अवगत कराएँ। आप मेरे यूट्यूब चैन्नेल marmagya net को सबस्क्राईब करें और बेल आइकॉन को दबा दे ताकि मेरे विडियो अपलोड होने पर आपको उसकी सूचना मिल जाय। आप मेरा पहला उपन्यास "डिवाइडर पर कॉलेज जंक्शन" ऐमेज़ॉन के इस लिन्क पर मात्र 93 रु में घर मँगवा सकते हैं। आपके विचारों का इन्तजार रहेगा। link: http://amzn.to/2Ddrwm1 मेरी कविता संग्रह "कौंध" में अमेज़न Kindle पर प्रकाशित हुयी है, जिसे इस लिंक पर जाकर डाऊनलोड कर पढ़ा जा सकता है। Link: https://aman.to/2KdRnSP मेरा लिखा कहानी संग्रह "छाँव का सुख" अमेज़न किंडल पर ई बुक के रूप में इस लिंक पर उपलब्ध है: छाँव का सुख (Hindi Edition) https://amzn.to/2IboioB Facebook link: https://m.facebook.com/public/Brajendranath-Mishra सादर आभार! ब्रजेन्द्रनाथ सादर आभार! ब्रजेन्दनाथ
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    Yakoob Khan "Anshu"
    16 जुलाई 2019
    वाह! बहुत ख़ूब।खिड़कियों की विशेषता का आभास आज इस बहुत सुंदर रचना को पढ़कर हुआ है।बहुत बढ़िया लिखा है आपने।
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    UMA SHARMA "अर्तिका"
    26 मई 2023
    बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय सराहनीय रचना लिखी है,,,, बिल्कुल सही कहा आपने खिड़की के पास बैठने पर आनंद का अनुभव होता है,,, बाहर का परिवेश और भी खूबसूरत नजर आता है,,, बस हो या रेलगाड़ी का सफर हमें तो खिड़की के पास बैठना अच्छा लगता है,, सुन्दर प्रस्तुति 🌹🌹🌹🌹🌹 जय श्री राधे कृष्णा जी 🙏