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ख़ास हो तुम....

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अजीब नहीं ,ख़ास हो तुम, मेरी आंखों की तलाश हो तुम। जो दरिया से भी ना बुझे, ऐसी कोई प्यास हो तुम.. अजीब नहीं ,ख़ास हो तुम.।। तुम सांसों में यूं शामिल हो,जैसे सहरा में साहिल हो! सर्दी की रातों में, ...

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लेखक के बारे में
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Roshni Maurya

मै राज़ हूं कोई अनकहा, मुझे पढ़ना है मुश्किल बड़ा। जो दिल से पढ़ो तो पढ़ पाओ,ये काम है मुश्किल बड़ा।।😅😅

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Bheem Kumar Nishad
    13 जून 2020
    likhne wali bhot hi la jawab hogi kash m unse mil pata .
  • author
    Atul katiyar "Rahul"
    21 अगस्त 2020
    बहुत बढ़िया ...मेरी कविता 'खास हो तुम ' पर अपनी समीक्षा अवश्य दें।
  • author
    Shashank Baranwal
    15 जून 2020
    wow nice
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Bheem Kumar Nishad
    13 जून 2020
    likhne wali bhot hi la jawab hogi kash m unse mil pata .
  • author
    Atul katiyar "Rahul"
    21 अगस्त 2020
    बहुत बढ़िया ...मेरी कविता 'खास हो तुम ' पर अपनी समीक्षा अवश्य दें।
  • author
    Shashank Baranwal
    15 जून 2020
    wow nice