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खराब शायर की शायरी

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पी लेता हूं कि बस अब इस दवा में यही एक मुफीद है तुमने इसे अपने हाथों से छूकर मुझे दिया है 🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤 इस गलतफहमी को मुझ से दूर करने को ही एक बार मिल लो मुझे वहम है एक मुलाकात में ही तुम्हें ...

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    mohan lal
    30 जनवरी 2024
    बहुत ही शानदार सृजन किया है आपने मेरी रचना भी पढ़ें सब्सक्राइब ज़रूर आशीर्वाद के रूप में प्रोत्साहन राशि जरूर प्रदान करें बहुत-बहुत धन्यवाद 💐💐💐💐💐💐💐💐🌹🌹🌹🌹🌷🌷🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
  • author
    Aditi Tandon
    30 जनवरी 2024
    कोशिश की बहुत जलाने की पर कैसे जलते वो खत जो अश्कों में भीगे थे शायर चाहें जैसे हों पर शायरी बहुत अच्छी लगी 👌👌👌👌
  • author
    Babita Shukla
    31 जनवरी 2024
    शानदार प्रस्तुति शानदार लेखन आपका
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  • author
    mohan lal
    30 जनवरी 2024
    बहुत ही शानदार सृजन किया है आपने मेरी रचना भी पढ़ें सब्सक्राइब ज़रूर आशीर्वाद के रूप में प्रोत्साहन राशि जरूर प्रदान करें बहुत-बहुत धन्यवाद 💐💐💐💐💐💐💐💐🌹🌹🌹🌹🌷🌷🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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    Aditi Tandon
    30 जनवरी 2024
    कोशिश की बहुत जलाने की पर कैसे जलते वो खत जो अश्कों में भीगे थे शायर चाहें जैसे हों पर शायरी बहुत अच्छी लगी 👌👌👌👌
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    Babita Shukla
    31 जनवरी 2024
    शानदार प्रस्तुति शानदार लेखन आपका