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खंड 'क'

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उस दिन मुझे समझ आया कि समाज को समझना इतना भी कठिन नहीं जितना मुझे लगता था. समाज स्वाभाविक रूप से बुरा नहीं है, लेकिन उसकी सोच और रवैया अक्सर गलत हो सकता है। समाज में लालची, घमंडी, बेरहम और ...

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खंड 'ख'
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Vaishnavi Shrivastava "Anna"

कल मेरे घर पड़ोस में रहने वाली एक ताई अपने बेटे की शादी के लिए मिठाई लेकर आई थीं। मम्मी और वो आपस में बातें कर रही थीं और मैं बस सुन रही थी। मम्मी ने उनसे पूछा कि बहू कैसी है, तो वे बताने लगीं। ...

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Vaishnavi Shrivastava

A lawyer by profession and writer by passion.

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