काव्य सारथी बनकर होना, है सबको गतिमान। मां शारदे का वंदन करो, बढ़े स्वयं का ज्ञान। चिंतन मंथन करे शब्दों को, लेखन को सजाओ, लेकर कलम दवात आपनी, शब्दों से अब महान।। काव्य सारथी बनकर होना, है सबको ...
पूर्व में प्राईवेट स्कूल, कॉलेज में शिक्षिका रह चुकी हूं। किन्तु अब गृहणी हुं। लिखने, पढ़ने का शौक इसलिए प्रतिलिपि से जुड़ी हुई हूं। साथ ही कविताओं के माध्यम से मेघदूत साहित्यिक संस्था से भी जुड़ी हुई हूं।
सादर अभिवादन
अनुपमा वर्मा
रायबरेली
सारांश
पूर्व में प्राईवेट स्कूल, कॉलेज में शिक्षिका रह चुकी हूं। किन्तु अब गृहणी हुं। लिखने, पढ़ने का शौक इसलिए प्रतिलिपि से जुड़ी हुई हूं। साथ ही कविताओं के माध्यम से मेघदूत साहित्यिक संस्था से भी जुड़ी हुई हूं।
सादर अभिवादन
अनुपमा वर्मा
रायबरेली
रिपोर्ट की समस्या
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