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कविता विडंबना यही है

4.6
5

विडम्बना यही है कि संस्कृति कही खो गई है। भारत की धरती पर अब , ना रहा वह प्रेम व्यवहार है। आपस मे भाई भाई लड़ते है। घर घर मे छिड़ जाता है छोटी , छोटी बातों को लेकर कलह । राग द्वेष ओर अविश्वास ने मन ...

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लेखक के बारे में
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Jyoti Saini

ज्योति सैनी उपनाम queen नाम ज्योति है लिखने का शौक रखती हूं रचनाएँ रचने का शौक रखती हूँ समुद्र से भी गहरी सोच रखती हूँ।

समीक्षा
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    03 సెప్టెంబరు 2021
    सुंदर लिखा आप ने लाजवाब लिखा है ✍️👌👉🌹🌹👉🍫🍫🍫👉🌹🌹🍫
  • author
    03 సెప్టెంబరు 2021
    बहुत बढ़िया 👌👌👌👌
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    03 సెప్టెంబరు 2021
    सुंदर लिखा आप ने लाजवाब लिखा है ✍️👌👉🌹🌹👉🍫🍫🍫👉🌹🌹🍫
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    03 సెప్టెంబరు 2021
    बहुत बढ़िया 👌👌👌👌