POEM, 09:29PM, 27.06.2020 , THURSDAY संगीत से खिले हैं रंग.. सात सुरों से बने सरगम संगीत बिना अधूरा ढंग मौसम भी सुहावना लगे जब संगीत हो अपने संग जीवन यहाँ श्वेत-पट जैसा संगीत से ही खिलते हैं ...
शब्दों और लफ़्ज़ों की दुनियां में सुकून ढूंढ़ता एक परिंदा..
कृपया मेरी सभी रचनाओं को पढ़कर समीक्षा दें और त्रुटि भी बताएं जिससे मैं अपनी लेखनी में सुधार ला सकूँ.
तेरी मोहब्बत किराए के मकान जैसी "उड़ता" ,तमाम उम्र सहेजी मगर अपनी ना हो सकी...
शीशे ने टूट कर अपनी कशिश बता दी "उड़ता ", मगर हम तो रहे पत्थर से जो टूटने के भी काबिल नहीं...
सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता ",झज्जर (हरियाणा )
सारांश
शब्दों और लफ़्ज़ों की दुनियां में सुकून ढूंढ़ता एक परिंदा..
कृपया मेरी सभी रचनाओं को पढ़कर समीक्षा दें और त्रुटि भी बताएं जिससे मैं अपनी लेखनी में सुधार ला सकूँ.
तेरी मोहब्बत किराए के मकान जैसी "उड़ता" ,तमाम उम्र सहेजी मगर अपनी ना हो सकी...
शीशे ने टूट कर अपनी कशिश बता दी "उड़ता ", मगर हम तो रहे पत्थर से जो टूटने के भी काबिल नहीं...
सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता ",झज्जर (हरियाणा )
रिपोर्ट की समस्या
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