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कविता की खोज

4.4
276

इब्ने-बतुता की तरह, यह कविता की प्यास। भाव विश्व से हो शुरू,चली मनोआकास॥1 मन मोरक्को में मिला, उस को एक फकीर। बोला खोजा शब्द मैं, पाले कविता हीर॥2 छंदोलय के ऊंटपर, लाद दिया सामान। इब्ने बतुता उड चला, ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    मुकेश राम नागर
    22 जून 2018
    बहुत अच्छा लिखते हैं वैतालिक👌👌👍
  • author
    Mahi Maurya
    01 मार्च 2021
    bahut hi sunder hai
  • author
    Manoj Misran
    08 दिसम्बर 2015
    बहुत सुंदर रचना  
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    मुकेश राम नागर
    22 जून 2018
    बहुत अच्छा लिखते हैं वैतालिक👌👌👍
  • author
    Mahi Maurya
    01 मार्च 2021
    bahut hi sunder hai
  • author
    Manoj Misran
    08 दिसम्बर 2015
    बहुत सुंदर रचना