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कौन अपना कौन पराया 🌺

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कौन अपना... कौन पराया .. यह दिल कभी समझ नही पाया तेरे मेरे अहम ने क्या खोया क्या पाया यह दिल कभी समझ नही पाया लगता है जैसे अपनेपन का अखबार पुराना हो गया । जब अपने ही गैर बने उम्मीद फिर ...

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लेखक के बारे में
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Mrs . Deepa Gautam ❤️

सच की राह में भीड़ नहीं होती । उसकी छांव में बरकत होती है। जो अकेला सब सहता है । वहीं अंत में सबसे ऊंचा उठता है । 💗💗💗🥀🥀🥀🥀🥀🥀

समीक्षा
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  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    17 जून 2022
    बहुत बहुत सुन्दर लिखा।जी।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    17 जून 2022
    बहुत बहुत सुन्दर लिखा।जी।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण