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कौआ - अनोखा दोस्त

4.1
21777

एक कौआ था। वह एक किसान के घर के आँगन के पेड़ पर रहता था। किसान रोज़ सुबह उसे खाने के लिए पहले कुछ देकर बाद में खुद खाता था। किसान खेत में चले जाने के बाद कौआ रोज़ उड़ते-उड़ते ब्रह्माजी के दरबार तक पहुँचता ...

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अज्ञात
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Archana Singh
    05 सितम्बर 2017
    Nice story
  • author
    Sushila Khemka
    10 सितम्बर 2020
    बिलकुल सही है।केवल सलाह पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। अपने दिमाग का इस्तेमाल भी करना चाहिए।
  • author
    Rajkumari Mansukhani
    31 मई 2019
    Khali baide to kue bhi khali ho jaate hai mehnat ka phal mitha hota hai
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  • author
    Archana Singh
    05 सितम्बर 2017
    Nice story
  • author
    Sushila Khemka
    10 सितम्बर 2020
    बिलकुल सही है।केवल सलाह पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। अपने दिमाग का इस्तेमाल भी करना चाहिए।
  • author
    Rajkumari Mansukhani
    31 मई 2019
    Khali baide to kue bhi khali ho jaate hai mehnat ka phal mitha hota hai