pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

कस्तूरी मृग (हाइकू)

4.8
9

छू लिया मन, फैली हरियाली, विस्तृत वन। मंडराते हैं, जाने कहां से उठे, काले बादल। मन मयूर, खुशी से भरपूर, थिरकता है। सांसों की गंध, पसीने में उन्माद, कस्तूरी मृग। भटकन है, ऊंची नीची डगर, गगन झूला। ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Gajanand digoniya

नाम- गजानंद डिगोनिया "जिज्ञासु" पिता- श्री राम सिंह डिगोनिया माता-स्वर्गीया श्रीमती कृष्णा बाई डिगोनिया धर्मपत्नी-श्रीमती सीमा डिगोनिया पुत्र-शिवानंद, पुत्री- सलोनी जन्मतिथि-24 अक्टूबर सन 1980. व्यवसाय-सहायक प्राध्यापक (शिक्षा संकाय) राय साहब भंवर सिंह महाविद्यालय नसरुल्लागंज शिक्षा-एम. ए. हिंदी साहित्य, समाज शास्त्र,बी.एड. प्रमुख रचनाएं-अंतर्मन, वंदे मातरम, हर जगह तू, उमड़ कर बरसने को जी चाहता है, बिटिया के बढ़ते कदम, मैं एक शिक्षक हूं, करती है श्रंगार, भारत की तस्वीर, विदाई, दो बूंद, चला चीन से, घरौंदा, मंसाराम (कहानी), सावन की सांझ (कहानी) आदि. कवि सम्मेलन-प्रदेश के प्रमुख मंचों से कवि सम्मेलन में भाग लिया पुस्तके-राम भक्त शबरी (खंडकाव्य) दांव पर लगी द्रोपति (प्रकाशाधीन) सम्मान-विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा "काव्यश्री सम्मान" वर्ष 2022 . प्रमुख समाचार पत्र पत्रिकाओं में होने वाली प्रकाशित रचनाओं पर सम्मान पत्र एवं प्रमुख संस्थाओं द्वारा डिजिटल सम्मान पत्र प्राप्त। वर्तमान निवास-4031 वार्ड नंबर 15 मुन्ना कालोनी (शंकर विहार) नीलकंठ रोड नसरुल्लागंज, जिला सीहोर मध्य प्रदेश 466331

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Priya Sri
    20 ஏப்ரல் 2025
    मेरी पसंदीदा कविता में से हाइकु आपने बहुत अच्छा लिखा है 👌👏
  • author
    20 ஏப்ரல் 2025
    बढिया मगर मात्रायें देखिये🙏
  • author
    Saraswati Mishra
    20 ஏப்ரல் 2025
    शानदार लाजवाब उत्कृष्ट भाग
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Priya Sri
    20 ஏப்ரல் 2025
    मेरी पसंदीदा कविता में से हाइकु आपने बहुत अच्छा लिखा है 👌👏
  • author
    20 ஏப்ரல் 2025
    बढिया मगर मात्रायें देखिये🙏
  • author
    Saraswati Mishra
    20 ஏப்ரல் 2025
    शानदार लाजवाब उत्कृष्ट भाग