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कश्ती उम्मीदों वाली (विशेष लिस्ट)

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बारिश थम गई है, और आंगन में बारिश का पानी भरा है जो धीरे धीरे नाली से होते हुए बाहर निकल रहा सामने बड़ा सा लोहे का दरवाजा है, नेहल बरामदे में बैठी हल्की फुल्की बूंदाबांदी को एक टक निहार रही है, ...

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हॉस्टल की वो खिड़की
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Pramila chandra "प्रमिला चन्द्रा"

मै क्लास आठ में था जब मुझे शिमला के इस हॉस्टल में भेज दिया गया, मेरा हॉस्टल ऊंची पहाड़ी और सुंदर वादियों के बीच था लेकिन यहां मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता,ना ही यहां के लोग और ना ही यहां का खाना, ...

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Pramila chandra

मै मरू तो ऐसे मरू, एक गहरी रात हो, एक खूबसूरत सा ख्वाब हो, मुकम्मल नींद हो, जिसकी कभी सुबह ना हो। ।

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