कश्मीर की हसीन वादियों को देखने सैलानी आया करते थे। कुछ प्रेमी जोड़े डल झील के शिकारे पर बैठे वो हसीन नजारों का आनंद उठाया करते थे। इन सुंदर वादियों में अब गूँजते हैं सुख चैन छीन लिया है दुश्मन ...
रचनाकारों की पवित्र अनुभूतियाँ अगर धूप की भांति माँ भारती की अोर उठने लगती हैं । सृजन ही उनकी सच्ची उपासना है। अपने सृजन से लेखक समाज को दिशा दे सकता है।
सारांश
रचनाकारों की पवित्र अनुभूतियाँ अगर धूप की भांति माँ भारती की अोर उठने लगती हैं । सृजन ही उनकी सच्ची उपासना है। अपने सृजन से लेखक समाज को दिशा दे सकता है।
रिपोर्ट की समस्या
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