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कसौटी

4.6
1344

कसौटी (कहानी)    डॉ उर्मिला सिन्हा    ‌ दिनकर अपनी पूरी शक्ति से आकाश में चमक रहे थे।लू से धरती लहक रही थी। भीषण गर्मी से सभी त्रस्त थे। दोपहर का समय और उसपर तेज धूप। गर्मी हो या सर्दी वक्त किसी ...

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लेखक के बारे में
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Urmila Sinha

नाम_डा उर्मिला सिन्हा जन्म तिथि_,28/01/1952 शिक्षा _एम०,ए०पी०एच०डी०, रांची विश्वविद्यालय रांची व्यवसाय_एम०पी०एम०एम०, रांची से हिन्दी विभागाध्यक्ष के पद से अवकाश प्राप्त व्यक्ति गत_14/06/1970में श्री कमलेश कुमार सिन्हा से शुभ विवाह व्यक्ति गत रूचि--अधययन अध्यापन, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अनेक कहानियां, कविता,लैख प्रकाशित। देश-विदेश का भ्रमण, विचारों को तुरंत कलमबद्ध कर लेना। स्वतंत्र लेखन। प्रेमचंद के उपन्यासों में व्यंग्य बोध शोध पुस्तक के रूप में प्रकाशित। सभी कार्यों को उचित सम्मान देना मेरी प्राथमिकता है। मेरी नज़रों में कोई कार्य छोटा नहीं। देश, समाज, परिवार, रिश्ते नाते इष्ट-मित्र सभी को पर्याप्त समय देना मेरे लिए सर्वोपरि है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mrs Mamta Gupta
    20 मई 2020
    bhut khubsurat khani bina kisi chal kapat k ek sakaratmak soch vali post bhut dino baad padhne ko mili hvery good story
  • author
    शिल्पी
    22 अप्रैल 2020
    बहुत सुंदर कहानी,मुख पर मुसकुराहट आ गई। कभी कभी ऐसी सकारात्मक रचनाओं की जरूरत होती हैं।
  • author
    Satyam Jain
    07 मई 2020
    bahut hi achhi kahani insaniyat to darshati huyi ,prernadayak 👌👌
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    Mrs Mamta Gupta
    20 मई 2020
    bhut khubsurat khani bina kisi chal kapat k ek sakaratmak soch vali post bhut dino baad padhne ko mili hvery good story
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    शिल्पी
    22 अप्रैल 2020
    बहुत सुंदर कहानी,मुख पर मुसकुराहट आ गई। कभी कभी ऐसी सकारात्मक रचनाओं की जरूरत होती हैं।
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    Satyam Jain
    07 मई 2020
    bahut hi achhi kahani insaniyat to darshati huyi ,prernadayak 👌👌